Index Search for 'त्रयम्' |
Shloka: | द्वादशम् पर्व निर्दिष्टम् एतत् प्राज्ञ जन प्रियम् । पर्वणि अत्र परिज्ञेयम् अध्यायानाम् शतत्रयम् । त्रिंशत् च एव तथा अध्याया नव च एव तपोधनाः ॥ |
Reference: | 1.2.2.0.199(आदिपर्व>पर्वसंग्रहपर्व>द्वितीयोऽध्यायः (02)>श्लोक#199) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | पर्वसंग्रहपर्व |
Adhyaya: | द्वितीयोऽध्यायः (02) |
Akhyana: | |
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