Index Search for 'झिल्लिकागणनादितम्' |
Shloka: | बृहदश्व उवाच - सा निहत्य मृगव्याधं प्रतस्थे कमलेक्षणा । वनं प्रतिभयं शून्यंझिल्लिकागणनादितम् ॥ |
Reference: | 3.32.61.0.1(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>इन्द्रलोकाभिगमनपर्व>एकषष्ठितमोऽध्यायः (61)>श्लोक#1) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | इन्द्रलोकाभिगमनपर्व |
Adhyaya: | एकषष्ठितमोऽध्यायः (61) |
Akhyana: | |
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