Index Search for 'ज्ञायते' |
Shloka: | न त्वेव मन्ये पुरुषस्य राजन्ननागतंज्ञायते यद्भविष्यम् । त्वं चेदिमं सर्वधर्मोपपन्नः प्राप्तः क्लेशं पाण्डव कृच्छ्ररूपम् ॥ |
Reference: | 5.50.24.0.7(उद्योगपर्व>सञ्जययानपर्व>चतुर्विंशोऽध्यायः (24)>श्लोक#7) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | सञ्जययानपर्व |
Adhyaya: | चतुर्विंशोऽध्यायः (24) |
Akhyana: | |
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