Index Search for 'ज्ञात्वा' |
Shloka: | सावित्र्युवाच - पूर्वमेव मया राजन्नभिप्रायमिमं तव ।ज्ञात्वा पुत्रार्थमुक्तो वै तव हेतोः पितामहः ॥ |
Reference: | 3.42.277.0.16(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>सप्तसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#16) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | सप्तसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|