Index Search for 'छिन्नपक्षद्वयं' |
Shloka: | ततो ददृशतुस्तौ तंछिन्नपक्षद्वयं तथा । तयोः शशंस गृध्रस्तु सीतार्थे रावणाद्वधम् ॥ |
Reference: | 3.42.263.0.19(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>त्रिषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#19) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | त्रिषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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