Index Search for 'छिद्रेऽस्मिन्पूर्ववैरिणा' |
Shloka: | विनष्टचक्षुषस्तस्य बालपुत्रस्य धीमतः । सामीप्येन हृतं राज्यंछिद्रेऽस्मिन्पूर्ववैरिणा ॥ |
Reference: | 3.42.278.0.8(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>अष्टसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#8) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | अष्टसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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