Index Search for 'छादयित्वा' |
Shloka: | किं नु मे स्यात्कृतं कृत्वा मन्यध्वं पुत्रकाः कथम् । चिन्तयाना विमोक्षं वो नाधिगच्छामि किंचन ।छादयित्वा च वो गात्रैः करिष्ये मरणं सह ॥ |
Reference: | 1.19.221.10.7(आदिपर्व>खाण्डवदाहपर्व>एकविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>इन्द्रविजयोपाख्यान>श्लोक#7) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | खाण्डवदाहपर्व |
Adhyaya: | एकविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | इन्द्रविजयोपाख्यान |
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