Index Search for 'छन्दांसि' |
Shloka: | राजोवाच - अनड्वाहौ सुव्रतौ साधु दान्तावेतद्विप्राणां वाहनं वामदेव । ताभ्यां याहि त्वं यत्र कामो महर्षेछन्दांसि वै त्वादृशं संवहन्ति ॥ |
Reference: | 3.37.190.0.61(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>नवत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#61) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | नवत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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