Index Search for 'घोररूपाणां' |
Shloka: | वैश्रवण उवाच - देवतानामभून्मन्त्रः कुशवत्यां नरेश्वर । वृतस्तत्राहमगमं महापद्मशतैस्त्रिभिः । यक्षाणांघोररूपाणां विविधायुधधारिणाम् ॥ |
Reference: | 3.35.158.0.51(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>यक्षयुद्धपर्व>अष्टपञ्चाशदधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#51) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | यक्षयुद्धपर्व |
Adhyaya: | अष्टपञ्चाशदधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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