Index Search for 'घोररूपा' |
Shloka: | वामदेव उवाच - घोरं व्रतं ब्राह्मणस्यैतदाहुरेतद्राजन्यदिहाजीवमानः । अयस्मयाघोररूपा महान्तो वहन्तु त्वां शितशूलाश्चतुर्धा ॥ |
Reference: | 3.37.190.0.64(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>नवत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#64) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | नवत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|