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Shloka: | निवार्य भीमो जिष्णुं तु तद्रक्षोघोरदर्शनम् । अभिद्रुत्याब्रवीद्वाक्यं तिष्ठ तिष्ठेति भारत ॥ |
Reference: | 3.30.12.0.41(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>किर्मीरवधपर्व>द्वादशोऽध्यायः (12)>श्लोक#41) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | किर्मीरवधपर्व |
Adhyaya: | द्वादशोऽध्यायः (12) |
Akhyana: | |
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