Index Search for 'घोरः' |
Shloka: | स संप्रहारो ववृधे भीरूणां भयवर्धनः । लोमसंहर्षणोघोरः पुरा देवासुरे यथा ॥ |
Reference: | 3.42.269.0.10(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>एकोनसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#10) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | एकोनसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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