Index Search for 'घोरं' |
Shloka: | सा तदा विपुला शक्तिः क्षिप्ता तेन महात्मना । बिभेद शिखरंघोरं श्वेतस्य तरसा गिरेः ॥ |
Reference: | 3.37.214.0.34(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>चतुर्दशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#34) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | चतुर्दशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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