Index Search for 'घृणा' |
Shloka: | युधिष्ठिर उवाच - सत्यं दानं क्षमा शीलमानृशंस्यं दमोघृणा । दृश्यन्ते यत्र नागेन्द्र स ब्राह्मण इति स्मृतः ॥ |
Reference: | 3.36.177.0.16(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आजगरपर्व>सप्तसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#16) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आजगरपर्व |
Adhyaya: | सप्तसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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