Index Search for 'घातयित्वा' |
Shloka: | अतः परम् शान्तिपर्व द्वादशम् बुद्धिवर्धनम् । यत्र निर्वेदम् आपन्नः धर्मराजः युधिष्ठिरः ।घातयित्वा पितॄन् भ्रातॄन् पुत्रान् संबन्धि बान्धवान् ॥ |
Reference: | 1.2.2.0.196(आदिपर्व>पर्वसंग्रहपर्व>द्वितीयोऽध्यायः (02)>श्लोक#196) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | पर्वसंग्रहपर्व |
Adhyaya: | द्वितीयोऽध्यायः (02) |
Akhyana: | |
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