Index Search for 'घण्टा' |
Shloka: | एका तत्र विशाखस्यघण्टा स्कन्दस्य चापरा । पताका कार्त्तिकेयस्य विशाखस्य च लोहिता ॥ |
Reference: | 3.37.220.0.19(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>विंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#19) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | विंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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