Index Search for 'घटोत्कचश्च' |
Shloka: | वैशंपायन उवाच - अनुज्ञातो धर्मराज्ञा पुत्रं सस्मार राक्षसम् ।घटोत्कचश्च धर्मात्मा स्मृतमात्रः पितुस्तदा । कृताञ्जलिरुपातिष्ठदभिवाद्याथ पाण्डवान् ॥ |
Reference: | 3.33.144.0.25(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>चतुश्चत्वारिंशदधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#25) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | चतुश्चत्वारिंशदधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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