Index Search for 'खड्गेनाजघ्निवान्बली' |
Shloka: | ततोऽस्य दक्षिणं बाहुंखड्गेनाजघ्निवान्बली । सौमित्रिरपि संप्रेक्ष्य भ्रातरं राघवं स्थितम् ॥ |
Reference: | 3.42.263.0.34(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>त्रिषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#34) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | त्रिषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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