Index Search for 'क्षुभितोऽस्मि' |
Shloka: | स भूयश्चिन्तयामास न न्याय्यंक्षुभितोऽस्मि यत् । साध्वीः पत्नीर्द्विजेन्द्राणामकामाः कामयाम्यहम् ॥ |
Reference: | 3.37.213.0.45(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>त्रयोदशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#45) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | त्रयोदशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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