Index Search for 'क्षुधितं' |
Shloka: | सत्कृतासत्कृता वापि पतिं दृष्ट्वा तथागतम् । भ्रष्टराज्यं श्रिया हीनंक्षुधितं व्यसनाप्लुतम् ॥ |
Reference: | 3.32.72.0.28(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>इन्द्रलोकाभिगमनपर्व>द्विसप्ततितमोऽध्यायः (72)>श्लोक#28) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | इन्द्रलोकाभिगमनपर्व |
Adhyaya: | द्विसप्ततितमोऽध्यायः (72) |
Akhyana: | |
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