Index Search for 'क्षीणप्रहरणौजसः' |
Shloka: | शतधा भिन्नदेहान्त्राःक्षीणप्रहरणौजसः । ततो निवातकवचा मामयुध्यन्त मायया ॥ |
Reference: | 3.35.167.0.28(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>यक्षयुद्धपर्व>सप्तषष्ट्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#28) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | यक्षयुद्धपर्व |
Adhyaya: | सप्तषष्ट्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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