Index Search for 'क्षीणपुण्यस्य' |
Shloka: | तस्य रूपं प्रपततः पितुर्मम नराधिप । ययातेःक्षीणपुण्यस्य स्वर्गादिव महीतलम् ॥ |
Reference: | 3.31.22.0.23(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>कैरातपर्व>द्वाविंशोऽध्यायः (22)>श्लोक#23) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | कैरातपर्व |
Adhyaya: | द्वाविंशोऽध्यायः (22) |
Akhyana: | |
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