Index Search for 'क्षीणः' |
Shloka: | कृतं कार्यं महाराज त्वया मम परंतप ।क्षीणः शापः सुकृच्छ्रो मे त्वया संभाष्य साधुना ॥ |
Reference: | 3.36.178.0.32(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आजगरपर्व>अष्टसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#32) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आजगरपर्व |
Adhyaya: | अष्टसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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