Index Search for 'क्षिप्रमस्यन्तस्तावच्छाम्यतु' |
Shloka: | यावन्न प्रविशन्त्येते नक्रा इव महार्णवम् । कृतास्त्राःक्षिप्रमस्यन्तस्तावच्छाम्यतु वैशसम् ॥ |
Reference: | 5.54.124.0.8(उद्योगपर्व>भगवद्यानपर्व>चतुर्विंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (124)>श्लोक#8) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | भगवद्यानपर्व |
Adhyaya: | चतुर्विंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (124) |
Akhyana: | |
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