Index Search for 'क्षिप्रं' |
Shloka: | व्याध उवाच - गर्भाधानसमायुक्तं कर्मेदं संप्रदृश्यते । समासेन तु तेक्षिप्रं प्रवक्ष्यामि द्विजोत्तम ॥ |
Reference: | 3.37.200.0.30(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>द्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#30) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | द्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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