Index Search for 'क्षिप्रं' |
Shloka: | एवमुक्तो नलो राजा न्ययच्छत्कोपमात्मनः । ततो भीतः कलिःक्षिप्रं प्रविवेश बिभीतकम् । कलिस्त्वन्येन नादृश्यत्कथयन्नैषधेन वै ॥ |
Reference: | 3.32.70.0.34(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>इन्द्रलोकाभिगमनपर्व>सप्ततितमोऽध्यायः (70)>श्लोक#34) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | इन्द्रलोकाभिगमनपर्व |
Adhyaya: | सप्ततितमोऽध्यायः (70) |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|