Index Search for 'क्षितौ' |
Shloka: | नरनारायणावूचतुः - अपेतक्रोधलोभोऽयमाश्रमो राजसत्तम । न ह्यस्मिन्नाश्रमे युद्धं कुतः शस्त्रं कुतोऽनृजुः । अन्यत्र युद्धमाकाङ्क्ष्व बहवः क्षत्रियाःक्षितौ ॥ |
Reference: | 5.54.94.0.21(उद्योगपर्व>भगवद्यानपर्व>चतुर्नवतितमोऽध्यायः (94)>श्लोक#21) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | भगवद्यानपर्व |
Adhyaya: | चतुर्नवतितमोऽध्यायः (94) |
Akhyana: | |
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