Index Search for 'क्षात्राद्धर्माद्धीयते' |
Shloka: | चातुर्वर्ण्यस्यैष धर्मस्तवोक्तो हेतुं चात्र ब्रुवतो मे निबोध ।क्षात्राद्धर्माद्धीयते पाण्डुपुत्रस्तं त्वं राजन्राजधर्मे नियुङ्क्ष्व ॥ |
Reference: | 5.51.40.0.27(उद्योगपर्व>प्रजागरपर्व>चत्वारिंशोऽध्यायः (40)>श्लोक#27) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | प्रजागरपर्व |
Adhyaya: | चत्वारिंशोऽध्यायः (40) |
Akhyana: | |
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