Index Search for 'क्षमां' |
Shloka: | क्लेशैस्तीव्रैर्युज्यमानः सपत्नैःक्षमां कुर्वन्कालमुपासते यः । सं वर्धयन्स्तोकमिवाग्निमात्मवान्स वै भुङ्क्ते पृथिवीमेक एव ॥ |
Reference: | 3.29.6.0.19(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आरण्यकपर्व>षष्ठोऽध्यायः (06)>श्लोक#19) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आरण्यकपर्व |
Adhyaya: | षष्ठोऽध्यायः (06) |
Akhyana: | |
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