Index Search for 'क्षममन्यन्न' |
Shloka: | मयाप्युक्तं यत्क्षमं कौरवाणां हितं पथ्यं धृतराष्ट्रस्य चैव । तद्वै पथ्यं तन्मनो नाभ्युपैति ततश्चाहंक्षममन्यन्न मन्ये ॥ |
Reference: | 3.29.6.0.13(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आरण्यकपर्व>षष्ठोऽध्यायः (06)>श्लोक#13) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आरण्यकपर्व |
Adhyaya: | षष्ठोऽध्यायः (06) |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|