Index Search for 'क्षन्तुमर्हसि' |
Shloka: | अजानता मयाकार्यमिदमद्य कृतं मुने ।क्षन्तुमर्हसि तत्सर्वं प्रसीद भगवन्निति ॥ |
Reference: | 3.37.206.0.2(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>षडधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#2) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | षडधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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