Index Search for 'क्षत्रियाः' |
Shloka: | यमौ तु तत्र राजेन्द्र यत्र कृष्णा प्रतिष्ठिता । व्येतु ते मानसं दुःखंक्षत्रियाः स्मो नरर्षभ । पद्मिनीव सुतेयं ते ह्रदादन्यं ह्रदं गता ॥ |
Reference: | 1.12.187.0.10(आदिपर्व>द्रौपदीस्वयंवरपर्व>सप्ताशीत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#10) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | द्रौपदीस्वयंवरपर्व |
Adhyaya: | सप्ताशीत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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