Index Search for 'क्षत्रियशूरसेना' |
Shloka: | सवृष्णिभोजान्धकयोधमुख्या समागताक्षत्रियशूरसेना । हत्वा रणे तान्धृतराष्ट्रपुत्राँल्लोके यशः स्फीतमुपाकरोतु ॥ |
Reference: | 3.33.120.0.19(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>विंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (120)>श्लोक#19) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | विंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (120) |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|