Index Search for 'क्षत्रियः' |
Shloka: | न शक्रभवने पुण्ये दिवि तद्विद्यते सुखम् । यदमित्रान्वशे कृत्वाक्षत्रियः सुखमश्नुते ॥ |
Reference: | 5.54.133.12.12(उद्योगपर्व>भगवद्यानपर्व>त्रयस्त्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (133)>विदुरापुत्रानुशासनम्>श्लोक#12) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | भगवद्यानपर्व |
Adhyaya: | त्रयस्त्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (133) |
Akhyana: | विदुरापुत्रानुशासनम् |
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