Index Search for 'क्षत्रमुत्सादितं' |
Shloka: | यच्च रोषाभिभूतेनक्षत्रमुत्सादितं मया । ततश्च पापान्मुच्येयं युष्माकं तेजसा ह्यहम् । ह्रदाश्च तीर्थभूता मे भवेयुर्भुवि विश्रुताः ॥ |
Reference: | 3.33.81.0.27(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>एकाशीतितमोऽध्यायः (81)>श्लोक#27) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | एकाशीतितमोऽध्यायः (81) |
Akhyana: | |
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