Index Search for 'क्षत्तः' |
Shloka: | धृतराष्ट्र उवाच - किर्मीरस्य वधंक्षत्तः श्रोतुमिच्छामि कथ्यताम् । रक्षसा भीमसेनस्य कथमासीत्समागमः ॥ |
Reference: | 3.30.12.0.1(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>किर्मीरवधपर्व>द्वादशोऽध्यायः (12)>श्लोक#1) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | किर्मीरवधपर्व |
Adhyaya: | द्वादशोऽध्यायः (12) |
Akhyana: | |
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