Index Search for 'क्षणेनोभौ' |
Shloka: | विशल्यौ चापि सुग्रीवःक्षणेनोभौ चकार तौ । विशल्यया महौषध्या दिव्यमन्त्रप्रयुक्तया ॥ |
Reference: | 3.42.273.0.6(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>त्रिसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#6) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | त्रिसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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