Index Search for 'क्षंस्यति' |
Shloka: | नक्षंस्यति पिता पुत्रं पुत्रश्च पितरं तथा । भार्या च पतिशुश्रूषां न करिष्यति काचन ॥ |
Reference: | 3.37.188.0.42(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>अष्टाशीत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#42) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | अष्टाशीत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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