Index Search for 'ओमित्येवं' |
Shloka: | तं समामष्टमीमुष्टं राजा वव्रे स्वयं तदा । पुरोहितो भवान्नोऽस्तु राज्याय प्रयतामहे ।ओमित्येवं वसिष्ठोऽपि भारतान्प्रत्यपद्यत ॥ |
Reference: | 1.7.89.0.38(आदिपर्व>संभवपर्व>एकोननवतितमोऽध्यायः (89)>श्लोक#38) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | संभवपर्व |
Adhyaya: | एकोननवतितमोऽध्यायः (89) |
Akhyana: | |
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