Index Search for 'ऐकमत्यं' |
Shloka: | कर्ण उवाच - काममीक्षामहे सर्वे दुर्योधन तवेप्सितम् ।ऐकमत्यं हि नो राजन्सर्वेषामेव लक्ष्यते ॥ |
Reference: | 3.29.8.0.12(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आरण्यकपर्व>अष्टमोऽध्यायः (08)>श्लोक#12) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आरण्यकपर्व |
Adhyaya: | अष्टमोऽध्यायः (08) |
Akhyana: | |
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