Index Search for 'एवमुक्तास्ततः' |
Shloka: | गन्धर्व उवाच -एवमुक्तास्ततः सर्वे राजानस्ते तमूरुजम् । ऊचुः प्रसीदेति तदा प्रसादं च चकार सः ॥ |
Reference: | 1.11.170.6.7(आदिपर्व>चैत्ररथपर्व>सप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः>और्वोपाख्यान>श्लोक#7) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | चैत्ररथपर्व |
Adhyaya: | सप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | और्वोपाख्यान |
Search other sources: | search this word on other online resources
|