Index Search for 'एवमस्त्विति' |
Shloka: | एवमस्त्विति ते सर्वे प्रतिपूज्य महामुनिम् । स्वदेशमगमन्हृष्टा राजानो भरतर्षभ ॥ |
Reference: | 3.37.182.0.21(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>द्वयशीत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#21) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | द्वयशीत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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