Index Search for 'एवमस्तु' |
Shloka: | स्कन्द उवाच -एवमस्तु नमस्तेऽस्तु पुत्रस्नेहात्प्रशाधि माम् । स्नुषया पूज्यमाना वै देवि वत्स्यसि नित्यदा ॥ |
Reference: | 3.37.219.0.13(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>एकोनविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#13) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | एकोनविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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