Index Search for 'एवं' |
Shloka: | एवं नलः सान्त्वयित्वा भ्रातरं सत्यविक्रमः । स्वपुरं प्रेषयामास परिष्वज्य पुनः पुनः ॥ |
Reference: | 3.32.77.0.24(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>इन्द्रलोकाभिगमनपर्व>सप्तसप्ततितमोऽध्यायः (77)>श्लोक#24) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | इन्द्रलोकाभिगमनपर्व |
Adhyaya: | सप्तसप्ततितमोऽध्यायः (77) |
Akhyana: | |
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