Index Search for 'एव' |
Shloka: | सनत्कुमार उवाच - ब्रह्म क्षत्रेण सहितं क्षत्रं च ब्रह्मणा सह । राजा वै प्रथमो धर्मः प्रजानां पतिरेव च । सएव शक्रः शुक्रश्च स धाता स बृहस्पतिः ॥ |
Reference: | 3.37.183.0.22(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>त्र्यशीत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#22) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | त्र्यशीत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|