Index Search for 'एतैश्चान्यैश्च' |
Shloka: | एतैश्चान्यैश्च विविधैर्हृष्टतुष्टैरलंकृतैः । क्रीडन्निव तदा देवैरभिषिक्तः स पावकिः ॥ |
Reference: | 3.37.218.0.38(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>अष्टादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#38) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | अष्टादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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