Index Search for 'एतेन' |
Shloka: | एतेन नियमेनासीद्वर्षाण्यष्टादशैव तु । पूर्णे त्वष्टादशे वर्षे सावित्री तुष्टिमभ्यगात् । स्वरूपिणी तदा राजन्दर्शयामास तं नृपम् ॥ |
Reference: | 3.42.277.0.10(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>सप्तसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#10) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | सप्तसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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