Index Search for 'एतदिन्द्रेण' |
Shloka: | एतदिन्द्रेण कर्तव्यमिन्द्रे हि विपुलं बलम् । त्वं च वीर बलश्रेष्ठस्तस्मादिन्द्रो भवस्व नः ॥ |
Reference: | 3.37.218.0.12(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>अष्टादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#12) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | अष्टादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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