Index Search for 'एतत्संचिन्त्य' |
Shloka: | एतत्संचिन्त्य राजेन्द्र यत्क्षमं तत्समाचर । अप्रमत्तोत्थितो नित्यं चातुर्वर्ण्यस्य रक्षणे । भव एधस्व मोदस्व दानैस्तर्पय च द्विजान् ॥ |
Reference: | 2.20.11.0.70(सभापर्व>सभावर्णनपर्व>एकादशोऽध्यायः (11)>श्लोक#70) |
Parva: | सभापर्व |
Upaparva: | सभावर्णनपर्व |
Adhyaya: | एकादशोऽध्यायः (11) |
Akhyana: | |
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