Index Search for 'एतत्प्रस्रवणं' |
Shloka: | एतत्प्रस्रवणं पुण्यमिन्द्रस्य मनुजाधिप । यत्र धाता विधाता च वरुणश्चोर्ध्वमागताः ॥ |
Reference: | 3.33.125.0.20(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>पञ्चविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (125)>श्लोक#20) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | पञ्चविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (125) |
Akhyana: | |
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